Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रसराज महोदधि। (१४७)
तेल बनानेकी विधि. मदार, धतर, थहर, सेहंड, मेहँदी, अडसकी पत्ती एरंडकी जड, मेवडीको पत्ती, सहिजन सबका रस पाव पावभर, सोंठि, पीपल, रसवत, अजमोदा, कुलिंजन, कलियारी, सोवा, पीपलामूल, चिरैता, सब दो दो तोला ले मेथी बारह तोला लहसुन बीस तोला इन सब दवाइयोंका तीनसेर पानीमें जोशदे जब आधा पानी रहै उपरोक्त रस डारिके तिलका तेल आधा खेर, कडू तेल एक सेर, रेडीका तेल आधासेर सब अर्क डालके मधुरी आंचसे चुरावै जब पानीजल जाय तब बीस भेलावां छोडै जब भेलावां भीजल जाय तब तेल ठंढाकर सीसीमें रखदे बात, जोडा, साना, गठिया इत्यादि सब तरहका दर्द मालिश करनेसे जाय.
अथ जीवनारायण तेल. दस सेर तिलका तेल, दस सेर कडू तेल, दससेर बकरीका दूध, दुस सेर गायका दूध, शतावरीका रस दससेर, हड, आँवला, गिलोय, बेलका मगज, दोनों गोखरू, भटकटइआ, जीवंती, मुलहठी, दोनों अरंड, महामुंडी, मुंडी, जायफल, निसवत्त,इंद्रायन, चिरायता नीम, बकाइन, मैनफल, सम्भालू, परियारी, रासना, सहिजन, गदापुरैना, मेडुकी गुलसकरी, फफई, गंधपसारन, असगंध, कटसरैया, कुश, करंज, खैर, चन्दन, वच, विजैसार, रेड, वरुना, दोनो अलय, बच बड़ी,
For Private and Personal Use Only
Loading... Page Navigation 1 ... 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206