Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai

View full book text
Previous | Next

Page 170
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रसराज महोदधि। (१४५) पीछे एक एक गोली एक एक हडमें भर सूतसे बांधि शहदमें डारि बर्तनमें घालि धरै फिर एक गोली रोज खाय तो पांडरोग नाश होय और सम्पूर्ण रोगोंकोहरे, शरीरकी रक्षा करै.इस दवाका गुण लिखनेयोग्य नहीं. १ गजकर्णकी दवाई. फिटकरी, मुर्दाशंख, मैनशिल, माजूफल, पलाशपापडी येसब दवा समभागले कूट कपड़छान करनींबू केरसमें खल करके गजकर्ण पर लगावै तो अच्छा होय. २ तथा. सफेद चन्दनका चूरण एक तोला, आंवरासार गंधक एक तोला,जराया हुआ नीलाथोथा आधा तोला मैनशिल आधा तोला, कलमी सोरा आधा तोला चौकिया सोहागा एक तोला, बनारसी राई आठ तोला सब कपडछान करके नीबूके रसमें एक दिन खल करै तो दाद, खुजली, गजकर्ण इत्यादि रोग दूर होय. फोरी फोरा नाशक मलहम. __ संगजराव दो तोले, सिंदूर दो तोले, मुर्दाशंख चार तोले, रक्तबोल चार तोले, गूगल दो तोले सब कूटके तिलका तेल दो तोले, घी चार तोले सबएक में मिलाकर अंगारपर रखके मलहम तय्यार करले सब जखमोंको दूर करै. For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206