Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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(३५६) स्सराज महोदधि। हमेशातन्दुरुस्त रहै रोग कभीना पावै. गायके दूधके साथ सनाय नो खावै. नवा खून पैदा करै गलीजको नशावै. बकरीके दूधके साथ सनाय जो खावै. तीसदिनामें अतिसुख पावै. हरिनीके दूधके साथ सनाय जो खावै. नामर्द मर्द होवै बल अतुल्य होवै. अगर ऊंटके दूधके साथ सनाय जो खावै. खुशीरहै हमेशा कलेश ना पावै. छोहाराके साथ सनाय जो खावै. मुँह दाँतकी दुर्गध तुरत हटावै. अनारके शरबतके साथ सनाय जो खावै. छातीके रोग दूर और उदरसाफ होवै. अगर भंगराके रसके साथ सनाय जो खावै. जवानी रहै सदा बाल सफेद न होवै. इमलीके रसके साथ सनाय जो खावै. छातीका कफ और कब्जियत नशावै. अदरखके रसके साथ सनाय जो खावे. जीरनज्वर सन्निपातको मिटावै.. गर्म पानीके साथ सनाय जो खावै. कान शिर और नाकका दर्द तुरत हटावै ककरीके बीजके रसके साथ सनाय जो खावै.
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