Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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(१५४) रसराज महोदधि।
रोग दोष दूर होनेका उपाय: आक अरंडी फूलमँगावे । पुनितापर सेंदूरलगावे॥ गूगुल धूप देय अति चायन । मंत्रराज यह करिकै गायन ॥ ॐ श्रीं ह्रीं फट्स्वाहा ॥ रोगी के शिरसे उतार करिके बाँयें कोनमें गाडै तो संपूर्ण रोग दोष मिटजा.
घावके झारनेका मंत्र. राम मारे पेढुकी, लछिमन ओढे घाव ।
फूलै औ न पाकै दरै मूखि जाव ॥ अथ मंत्र वा घिनहीं जहरबात थन
इलगोहिया का इलाज. चौ०-लंका के दानव पलंकाके पूत अंजनीके पूत नरक हवा झारै अंजनी के पूत बेरखा झारै अंजनीके प्रत घिनही झारै अंजनीके पूत जहरवात झारै अंजनी केपूत थनइल झारै अंजनीके पूत गोहिया झारै नाचत आवै नाचत जाय खेलत खात पखंडे जाय पिंडकी सामननी हंक डंकनी आलीम सालीम दुख रचाहा हो जाय राम लछिमन तीनो भाय बेरवाके पानमें खाय राम लछिमन तीनो भाय धृक चं नरक हवा झारै.धृक चं जहर बात झारै धृकच थनइल झारै धृकचं गोहिया झारै हमरे झारे लेइ झुरि जाय.
कानका मंत्र आसमीन न गोट वन्ही कर्म हीन न जायते दोहाई
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