Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
रसराज महोदधि। (१७५)
लवंगादि चूर्ण. लवंग १ तोले जायफल १ तोले पीपली १ तोले बहेडा ३ तोले मिर्च २ तोले सूठि १६ तोले इन्हीं सब द्वाओंके बराबर खांड़ मिलाय खानेसे खांसीको व श्वासको व ज्वरको व गुल्मको व अग्निमंदको व संग्रहणीको इन सबरोगोंको हरै.
अथव्रण फोडनेका लेप. मालकांगनी सज्जीखार एरंडीबीज तीनो दवा बराबर ले कूटि कपडछान करि पानी डारि गरमकर लेप करै तो फोड़ा तुरत फूटै.
तथा हाथीके दांतका चूर्ण पीसि व्रणपर लेप करै तो फूटै पुराना व्रण नाश होय.
पुनःलेप. भंगरा हरदी सेंधानोन धतूरके पत्ता सब बराबर लेकर पीसि गरम करके लेप करै तो व्रण फूटै,
अंडाकालेप. महुवाका फूल एरंडीका बीज मुलतानी मिट्टी काले तिल सब मिलाय पीसि भेंडीके दूधमें चुराय अंडपर लेप करे तो बहुत दिनका सूजन दूर होय.
तथा अंडकोशवाले रोगीको जुलाब देय तब ये लेप
For Private and Personal Use Only