Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai

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Page 192
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रसराज महोदधि। (१६७) गोली बधि और रोगी का बल विचार के एक गोली शाम एक सवेरे एक महीनाभर खावै तो भूख बहुत लगै जिस स्त्रीके बालक नहीं होता हो तो इस गोली को रजस्वलाके पीछे तीन दिन स्त्री पुरुष दोनों आदमी पानके साथ खावैं तो जरूर बालक होय यह गोली गायके धोके साथ खाय तो अजीर्णज्वर जाय, दही और अनारके दानेके साथ खाय तो संग्रहनी रोग जाय, जिसका पेट पत्थरके सरीखा कठोर होय तो इस गोलीको पानीमें पीस पेट पर लेप करै तो पीड़ा औ कठोरता दूर होय. और जो कोई यह गोली अदरखके रसके साथ खाय तो सब तरहका वात रोग जाय और जिस आदमीको बीछीने डंकमारा होय तो यह गोली सोंठिके साथ घिसि घावपर लेपकरे तोतुर्त बीछीका जहर दूर होय और अरसीके चूर्णकेसाथखाय तो तापज्वरजाय, जीरा और शकरके साथ खाय तो पुराना ज्वर जाय. सेंदुर एक टंक, घी छटंकके साथ एक गोली घिसिके लगावै तो मुखकी झाई दूर होय. और यह गोली मिर्च में पीस नास लेवै तो मृगी रोग, नाक रोग दूर होय. और खीराके बीजके साथ गोली खाय तो मूत्र रोग जावै पेशाब होवे, अकरकराके साथ यह गोली खाय तो इन्द्रियकी पथरीको तुर्त निकालै और पानके रसके साथ पंद्रहदिन खाय तो भूख For Private and Personal Use Only

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