Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai

View full book text
Previous | Next

Page 178
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Acharya Shri Kallassagars रसराज महोदधि। (१५३) हूकका इलाज. चनाका खार एक मटर भरि और चार चना भार गुडले एकमें मिलाके शामको खाय तो सवेरे चंगाहोय. सब प्रकारका ज्वरनाशक चूर्ण. नीबीकी जड़, फल, फूल, पत्ती तथा छाल बारह टंक, सोंठि नौटंक, मिर्च तीनटंक, पीपरी तीन टंक, त्रिफला नौटंक, सोचर नमक तीनटंक, अजवाइन तीन टंक, जवाखार तीन टंक, ये सब दवा कूट कपडछान करिकै दो टंक गरमपानीके साथ खाय तो शीतज्वर,नित्यज्वर,दाहज्वर,एकान्तरा, बेला,तिजारी, चौथियावर इत्यादि सब प्रकारके ज्वर नाश हों. तिजारीज्वरनाशक काढ़ा. छड, नागरमोथा, केसरि, कुटकी, पटोलपत्र, ये सब दवा बराबरले काढ़ा बनायकर पीवै तो ज्वर जाय, चौथिया ज्वरका काढ़ा अरुसकी जड,आंवला,सोंठि,देवदारुये सब दवा सम भागले काढ़ा बनायके पीवै तौ चौथिया ज्वर दूर होय. २ तथा. लालचंदन, सौंठि, चिरैता, कुटकी, नागरमोथा गिलोय,आंवला सब बराबर लेकर, काढ़ा करके पीवे तौ चौथियावर दूर होय. For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206