Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai

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Page 187
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१६२) रसराज महोदधि । पूर्ण और छः तोला मिश्री डेढ पाव दूध डालके दर रोजपीवै तो नामर्दपन मिटै वीर्य बढे. पीपलकी गोली. अस्पंद, कपूर, बीजाबोल, अजवाइन सब कूटके अदरखके रसमें चना प्रमाण गोली बनावै एक गोली खाकर दूध पीवै तो बहुत जोर होय. हडौंकी जवारिस. ' ह. बारह तोले, सनाय बारहतोले, हडै धीमें चुराय कूटकपडछानकारक मधुमामलायक जवारिस तय्यार करै फिर नव मासे खानेको देवे आंखोंकी गर्मीको दूर करता अन्नको पचाता और सवरोगोंको फायदा देताहै. मिचोदि चूर्ण. मिर्च सोठि पांचो नमक मिलाकर कपड़छान करके सवेरे फंकी मारै तो कब्जियत दूर होय. यह बात रोगको बहुत फायदा करती है. सुंठ्यादि चूर्ण. सोंठि.मिर्च, पीपल, तज, तेजपात, इलायची,लवंग, जायफल, वंशलोचन,कचूर, बावची, अनारदाना, सब बराबर लेकर कूट कपड़छान करके सब चूर्णके बराबर लोहरस लेवे और लोहारसके बराबर मिश्री मिलायके छः मासे रोज सबेरे खाय ऊपरसे बकरीका दूध पीवै तो राजरोग, मन्दाग्नि, बीसों परमा दूरहोय अत्यंत पुष्टहोय For Private and Personal Use Only

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