Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रसराज महोदधि । ३. इलाज - लेप. टेसू के फूल, आंबा हरदी, खुरासानी अजवाइन तीनों बराबर ले पीसे फिर गर्मकर लेप करे तो अंडकोष जाय. अथवा असगन्ध, जसवंतीकी पत्ती, रेंडीका मगज तीनों कूट करके गर्मकर लेप करे तो अंडकोष जाय. अब एक तंत्र लिखते हैं जिससे अंडकोष दूर होय. अथ अंडकोषनाशक तंत्रकी बिधि
जिस मनुष्यका अंड बाई ओरका फूला होय दाहिनी ओरकी गुट्टी चार अंगुल नीचे एक रस्सी बांध, इक्कीस रोजके भीतर पैर में गुट्टीके नीचे एक नस निकलेगी उस नसको अग्निमुखीके तेलसे दागे दूसरे दिन वह नस सूज आवेगी तब उसपर थोड़ा धी लगा. यदे फिर वहाँसे पानी निकलना आपही आप शुरू होगा. फिर उस नसपर खोपड़ा जरायके लगावै तो अच्छी होय. असाध्य रोग या बीस वर्षसे ऊपरका हो तोभी अच्छा होय पर प्रथम चार मासे बूकके खानेको देवै. अथ साँपके काटेकी दवाई.
सफेदमिर्च, सफेद मंदार की भस्म, नीलाथोथा ये तीनों बराबर खल करके मासेरभरकी गोलीबांधै फिर पानी के साथ एक गोली खानेको देवे तो जहरदूर होय. सांप काटेका नास. कच्चा नीलाथोथा. आककी जड दोनों बराबर लेकर
For Private and Personal Use Only
( १४९ )