Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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(१३८) रसराज महोदधि।
पीपरि, वायविरंग, सोहागाबराबर पीसकर ऋतुके समय स्त्री ५ दिन जलसे पीवै तो कभी गर्भ न रहै.
२ गर्भ न रहनेका इलाज. पलाशके बीज जरायके राख और हींग दोनोमिलाय दूधमें पीवै तो गर्भ नरहै.
१ गर्भिनीस्त्रीका यत्न. मुलहठी, रक्तचंदन, खश, गौरीशर, कमलगट्टाकी जड, मिश्री ये दवा बराबर लेकर काढ़ा बनाकर पीवै तौ गर्भिनी स्त्रीका ज्वर दूर होय.
२ तथा. धनियांके कल्कमें मिश्री डालके और पुराने चावलका धोवन मिलायके पीवै तो उलटी दूर होय ज्वर दूर होय.
३ तथा. कुशकी जड, कांसकी जड, दूबकी जड, तीनोंका काढ़ाकर पीवै तौ मूत्र उतरै प्रसूत होय.
गर्भिनीस्त्रीका लक्षण. गर्भिनी स्त्री सात महीनाके बाद दस्तावर वस्तु नहीं खावै और डरकी बातों से, भयंकर शब्दसे बचीरहै पर दो महीनाके व्यतीत होते ही पुरुषको त्याग करना चाहिये और अधिक खाना खाने नहीं खराब चीजसे
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