Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
.५६) रसराज महोदधि। की गोली बांधकर एक सबरे एक शामको खाय तो कमलवाय आमवात दूर होय.
अथ प्लीहा रोगका इलाज. शुद्ध सिंगिया, शुद्ध सोहागा दोनों अदरखके रस में खल करके बजरीके एक दानाके बराबर खाय तो प्पीहा, वायुगोलादि उदरके सब रोग दूर होय. .
अथ सर्वउदररोग नाशक चूर्ण. हर, बहेडा, आंवरा, मिर्च, पीपरि सोंठि, दोनों जीरा, पांचो नमक, जवाखार, झाऊके पत्ता, फिटकरी, अजवाइन, चिरेता, लौंग ये सब दवा बराबरले कपडछान करके नींबूके रसकी एक पुट देकर छामासे चूर्ण खाय तो सब उदररोग दूर होय.
तथा. हींग, पीपलामल, धनियां, चीत, वच, बडा कचर अमिलतास, पाँचों नमक, सोंठि, मिर्च, पीपरि, सजीखार, जवाखार, अनारकी छाल, जीरा, तुलसी सब बराबर ले कपड़छान करके ६मासे रोज खाय तो सब प्रकारके उदर रोग दूर होय.
अथ स्त्रीरोगका इलाज. स्त्रीको जो खून परता होय तोजीराशंख शद्धलेकर उसमें मिश्री मिलायके छःमासे खाय तो खून बंद होय
For Private and Personal Use Only