Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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( १३७ )
रसराज महोदधि । वातके प्रदर रोगकी दवासोंचरनोन, जीरा सफेद, जेठी मधु, कमलगट्टा इनका चूर्ण कर शहदके साथ खाय तो प्रदररोग और पित्तको गुण करता है.
सब प्रकारके प्रदररोगका इलाज. मुलहठी अढाई टंक, चौराईकी जड़ का रस दो टंक दोनोंको शहद में मिलाइके पीवै तो सब प्रकारका प्रदर रोग दूर होय. १ स्त्रीधर्म होने का इलाज.
कालातिल, सोंठ, पीपरि, मिर्च, भारंगी, गुड सब दवा बराबर ले काढा बनाय बीस रोज तक पीवै तो सब रोग दूर होयँ, धर्म होय, पुत्रनिश्चय होय.
२ तथा.
विजौरा नींबू के बीज पीसकर जिस गऊके बछवा पैदा हुआ होय उसके दूधके साथ पीवै तो पुत्र होय सही ३ तथा.
नागकेसरि, बछवावाली गायके दूधके साथ पी तो बाँझिनीके पुत्र होय. वेश्यास्त्रीको गर्भ न रहनेका इलाज
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