Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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रसराज महोदधि।
जुलाब तीसरा. शुद्ध जमालगोटा तीन मासा, सोंठि चार मासा कतीरा गोंद तीन मासा एकमें मिलायके कूट कपड़छान करके खल करै पीछे चना बराबर गोली बाँधै एक गोली गरम पानीके साथदे ऊपरसे सौंफका पानी पीनेकोदेवै तो बहुतही अच्छा जुलाब होय.
जुलाब चौथा इच्छाभेदी. सोंठि,मिरच, शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, शुद्ध सोहागा, सब दवाछ-मासे ले और शुद्ध जमालमोटा डेढ तोला लेकर पीछे एकमें सब दवा खल करै पीछे दो रत्तीकी गोली बांधै एक गोली एक तोला मिश्रीके साथ खाय ऊपर जितनी अँजुरी गरम पानी पीवै उतनाही जुलाब होय इसका पत्थ्य चावल और ताक है.
जुलाब पाँचवाँ. सनाय की पत्ती पच्चीस भरि काला दाना पच्चीस भरि गुड पच्चीस भरि सोठि पच्चीस भरि, शुद्ध जमाल गोटा पच्चीस भरि. सब दवा एकमें मिलायके खल करै पश्चात् बड़ी मटरके बराबर गोली बाँधे, एक गोली चार मासे मिश्रीके साथ खाय उपरसे गरम पानी पीवै तो जुलाब होय पत्थ्य खिचडी घी.
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