Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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( ११२ )
रसराज महोदधि ।
तथा. पीपर एक तीला, हड एक तोला, पांचोनमक एक एक तोला यह सब दवा जम्हीरी नींबूके रसमें खल कर दो मासाके बराबर गोली बांधै एक गोली खाय तो दस्त बन्द होय, अजीरन दूर होय, वाय, शूर जलंधरादि रोगोंको बहुत गुणदायक है वाईको पचाता है भूखको लगाता है. अथ पाचककी गोली.
मन्दारके मुँह मुँदे फूल चार तोला, काली मिर्च चार तोला, कालानमक चार तोला, ये सब दवा एकमें मिलाके खल कर बेरके बराबर गोली बांधै एक गोली शामको और एक सबेरे खाय तो शूल वायगोला इत्यादिक रोग दूर होयँ. अथ संग्रहणीकी गोली.
शुद्ध सोहागा शुद्ध सिंगरफ ये दोनों दो दो मासे अफीम चार मासे ले खल करके मिर्च बराबर गोली बाँधे जो रातको दस्त बहुत होता होय तो शहदके साथ एक गोली खिलावे और जो दिनको दस्त होता होय तो एक एक गोली नींबू के रसके साथ खिलावै तो सब तरहकी संग्रहणी वायु दूर होय. दस्तको रोंके संग्रहणीकी दूसरी गोली.
कफके दस्तको बन्द करे. पाचक है, कालीमिर्च
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