Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सरान महोदपि। (९)
जुलाब छठवाँ. सनायकी पत्ती, गुलाबके फूल, मुनका, कालादाना, अमलताशका मगज, सौंफ, काला नमक सब दवा एकमें खल कर जंगली बेरके बराबर गोली बांधै एक गोली गरम पानीके साथ खाय तो तीन जुलाब बहुत उत्तम होय पत्थ्य मूंगकी खिचडी.
अथ शिररोगकी दवा. कसरि, मिश्री, घी तीनों बराबर दूधमें घिसके नास लेय तो शिररोग, अधकपारी (आधाशीशी) सूर्यवती मुँहकी पीडा ये सब रोग दूर होय,
अथ शिरकी दूसरी दवा. अदरखका रस. पीपरि. सेंधानमक, गुड ये सब दवा एकमें घिसके पानीके साथ नास लेय तो शिरके सब रोग दूर होय.
अथ शिरका लेप. चौराई दो तोला, सोंठि एक तोला, मिरचछामासे सब दवा एकमें पीस लेप करै तो शिरके सब रोग दूर हो
शिररोगका दूसरा लेप. रेडीकी जड़, सोंठ, कूट सब दवा एकमें पीसके शिरपर लेप करे तो शिरके सब रोग दूर होय.
For Private and Personal Use Only