Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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(८८) रसराज महोदधि। भिगावै फिर दूसरे दिन डेढ सेर मधुकी चासनी करके वच डाल चुरावे आठ दिन पीछे खाने को देवै खुराक नौ मासे लकवाको गुण करता है पेट और छातीको ताकत देताहै सुस्ती दूर करता है जो एक महीना खावै तो सब रोग दूर होवें शरीर निरोग रहै मुरब्बा खाय तो खट्टा मीग नहीं खावे स्त्रीसे बचा रहै.
- अथ बेलका मुरब्बा अच्छा बेलका चार सेर मगज ले थोडा घी डाल पानीमें चुरावे तब मिश्री एक सेर मधु दो सेर मधु
और मिश्रीकी चासनी करै फिर छड़ीला तीन मासे बालछड पांच मासे नागरमोथा चारमासे जहरमोहरा खताई दो मासे जौहर कपूर दो मासे इलायची तीन मासे सब दवा कूट कपडछान करके चासनी में मिला देव चालीस दिन पीछे खानेको देवै खुराक एक तोला संग्रहणीको दूर करताहै. पेट के मुर्राको फायदा करताहै, आंव और खूनी बवासीरको दूर करता है. आँखों व कलेजे की गर्मीको दूर करताहै. प्यास बुझाताहै. यह मुरव्या सब रोगोंको फायदा करताहै.
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