Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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रसराज महोदधि। (५३) एक पहर घोटै फिर टिकरी करिकै आगमें फूंक दे तो सब रोगोंको गुणकारीहै. खाज, कोढ, और सम्पूर्ण आंखिके रोगोंको बहुत फायदा करताहै. ___ अथ मोती मूंगा मारन विधि.
मोती, मूंगा कपड़ामें बाँधिके एक घड़ामें आधा घडा इंद्रायणका रस डालके उस घड़ेमें लटकाइ देइ पीछे एक पहर चुरावै तोशुद्धहोय तबु गजपुटमें फूंकिदे तो भस्म होय सब कामोंमें आवै (गुण ) आँखोंके रोग खांसी परमासुजाक ज्वर मूत्रकृच्छ्र इन सबको दूर करताहै ठंढा है सब रोगोंको नाशकरताहै मोती मूंगाकी भस्मका गुणु अगाध है.
अथ शंख, कौड़ीमारन. शंख, कौडी आठ दफे आगमें लाल करिकै नींबूके रसमें बुझावै तो शुद्ध होय. सब रोग पर देय (गुण) श्वास खाँसी, आँखोंको गुणकारी है.
अथ गुजा शोधन. गुंजा लेकर एक पहर दूधमें चुरावै तब शुद्ध होय सब काममें बैपरै (गुण) आंखों के रोगको दूर करै और शिरके बालोंको बढ़ावै अनोपान मुवाफिक सब रोग दूर करै.
अथ फिटकरी, सोहागा मारन. फिटकरी, सोहागा नींबूके रसमें खल करके गोला
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