Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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(७६) रसराज महोदपि। अच्छी होय (पुनःबदकालेप) तीसी कूटिके गर्म करि के बद पर बांधे तो बहुत जल्दी बैठ जाय.(पुनःलेप) आंबाहरदी तीसी ईसबगोल घीकुवारिका गोंद सब दवा एकमें मिलाकर पीसके गर्म करके बदके ऊपर बांधे तो बहुत जल्द बद अच्छी होय. (पुनः लेप) आंबाहरदी घरकारंडस चूनागुड सबबराबर पीस लेप करै तो बद पकै फिर फूटिकै बहुत जल्दी अच्छी होय. (पुनः लेप )रेंडीके वीज हर रेंडीका तेल सिरका सब एकमें मिलाके गरम करके बदके ऊपर बांधै तो जो थोड़े दिनकी बद हुई होय तो बैठ जाय. जो ज्यादह दिनकी होय तो पक फूटके बहुत जल्दी अच्छी होय. इसमें संशय नहीं (पुनः बदपकानेकालेप.)नीलाथोथा६मासे. आंबाहरदी एक तोला, राल एक तोला. गूगल ६ मासे. गुड एक तोला. सब एकमें पीस गरम कर बदपर बांधै तो बहुत जल्दी फूट जाय. (पुनःलेप) मेथी, हरदी, रेडीका तेल, मिलाकरके बदपर बांधे तो बद बहुतजल्दी अच्छी होय (पुनः) मदारके पत्तामें रेंडी का तेल लगाके बदपर गरम करके बांधै तो अच्छी होय. फिर धतूरके पत्तासे सेंकदे तो बहुतही गुण करै.
अथ साना गठियेका इलाज. उसवाका माजूम गर्मीके चट्टा फोडा गठिया ग
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