Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 15
________________ औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥१३॥ एएस० परमाणुपोग्गलाणं २२-९२सू० २२-६१सू० बादराणं० कयरे२ "" एएसि णं भंते! एादि० चंदिम० नेरइयाणं 23 33 एएसि णं० सइंदियाणं सकसाई सकाइयाणं हुमणं "1 33 35 " " 23 99 एर्स तु दुहाणं देवाण "" 33 "" वायराणं० ओहि 93 पलाणं एएस चेव ठाणेसु भत्तिजुत्ता 33 मुहुत्त जोसु २१-२२६सू० २१ - २०१० २२- ५७० २२-५८० २२-६५सू० २२-५९सू० २२-६०सू० २२-६२सू० २७-१८८८ २७-९७९ २७-११६१ एएसु य अद्धाणं पत्थाणं विमाणेसु विहिविहण्णू एएहिं सरीरे हिं एक्काणउई सतराई एक्का य होइ रयणी एक्कारस य सहस्सा २७-१५८६ २७-१२५५ २७-९०० 33 33 एक्कारसुत्तरं हेडिमेसु हेमिए 95 एक्को करेइ कम् एगअहोर तेण वि एगट्टिभाय काऊण २५-८ एगदुगतिगचउपण 39 एग० नेरइयस्स नेर० एगमेगस्स णं० चंदिस्स चंदिम० 23 २७-८५९ एगमेगस्स णं० नेर०वेद० २२-३३४० २७-१११४ ,, नेर०नेरइयत्ते २२ - ३३६सू० २७-१३२७ संवच्छरस्स २५-१५३० २२ - ( १०७) प्र० २४-४० १९-१५ २१-५० २४-५४ २२-१५८ २७-१११० " .. २७-१४८ एगंतगुणे रहिया २७-१८७२ एतमणावाए २७-१०१३ एगं पंडियमरणं २७- १२७० २२- ३३७० २५- १६५० २१- १९५सू० 33 55 99 एगपयेऽणेगाई एगवीस जोयणसयाई एगस्स दोण्ह तिण्ह व एगं च सतसहस्सं " सय सहसं "5 33 35 33 एमिवि जम्मि पए गाइ गिराऽगे एगा जोयणकोडी २२-१२६ २७-११९७ २२- १०३ २१-२९ २५-८३ २४-३२ २७-५१६ २७-१५६३ २७-६५५ २७-१२५७ २७-१२५९ २७-१२२ २७-१९ २१-४० सूर्य० | २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥१३॥

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