Book Title: Tattvarthadhigam Sutra Part 02 Author(s): Udayprabhvijay Publisher: Keshar Chandra Prabhav Hem Granthmala View full book textPage 9
________________ STEHEHHEHEHEH AC श्रुत - सुकृत के संपूर्ण लाभार्थी नमुं सूरि राजा सदा तत्त्व ताजा जिनेन्द्रागमे प्रौढ साम्राज्य भाजा षड्वर्ग वर्गित गुणे शोभमाना पंचाचारने पालवे सावधाना पूज्यपाद गच्छाधिपति आचार्यदेव श्रीमद् विजय हेमप्रभसूरीश्वरजी महाराजा के शिष्यरत्न पूज्य पंन्यास प्रवर श्री उदयप्रभविजयजी म. सा. के / (आचार्य पदारोहण के अभिवादनार्थ) श्री आदिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट केसरवाडी तीर्थ, चेन्नई - ६६ एवं प. पू. गच्छाधिपतिश्री के आज्ञानुवर्तिनी सा. श्री विनयप्रभाश्रीजी के सुशिष्या सा. श्री यशप्रभाश्रीजी के सुशिष्या सा. श्री अरिहंतप्रभाश्रीजी की प्रेरणा से श्री पुरिषादानीय पार्श्वनाथ सोमेश्वर जैन संघ (सेटेलाईट) अमदावाद-१५ की ओर से प्रस्तुत ग्रंथ R (श्री तत्त्वार्थाधिगम सूत्र भाग -२) के प्रकाशन में ज्ञाननिधि में से धनराशि समर्पण की गई है। पोष शुक्ला - ८ रविवार दि. १७.१.२०१६ गोरेगांव - मुंबई 1509)Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 376