Book Title: Sramana 2010 04
Author(s): Ashok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 8
________________ श्रमण अप्रैल-जून २०१० विषयसूची १. आदर्श और स्वस्थ जीवन जीने की कला -डॉ. सोहनराज तातेड़ 01-10 २. जैन साहित्य में वर्णित वास्तुकलाः एक समीक्षात्मक अध्ययन -डॉ. हुकुमचन्द जैन एवं डॉ. इन्दुबाला जैन 11-21 ३. जैनागमों में शिक्षा का स्वरूप -दुलीचन्द जैन 22-33 ४. प्राकृत साहित्य में अंकित नारी -डॉ. अल्पना जैन 34-44 ५. जैन धर्म में शान्ति की अवधारणा -प्रो० सागरमल जैन, अनुवादक-डॉ. राजेन्द्र कुमार जैन 45-65 ६. सामाजिक क्रान्ति और जैन धर्म -डॉ. आनन्द कुमार शर्मा 66-71 ७. तीर्थकरकालीन श्रमणियों पर एक विचार दृष्टि -साध्वी विजयश्री आर्या 72-74 8. Contribution of Acārya Mahāprajña to the World of Philosophy - Samani Dr. Shashiprajna 75-83 9. Karuņā and the significance of its Social Implementation - Dulichand Jain 84-89 . 10. Potentials of Tourism with Reference to Varanasi and its Jaina Places -Vivek Tiwari 90-97 विशिष्ट व्यक्तित्व 98-99 जिज्ञासा और समाधान 100-108 विद्यापीठ के प्रांगण में| 109-115 जैन जगत् 116-118 साहित्य सत्कार 119-120

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