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अत्रिस्मृति
१. आत्मशुद्धिवर्णनम् : ३३६ अत्रि के प्रति पाप मुक्त्यर्थ ऋषियों का प्रश्न प्राणायाम विधि तथा उससे लाभ
४-१० गायत्री मन्त्र प्रणव-विधान
२. सर्वपाप विमुक्तिः, गायत्रीमन्त्रवर्णनम् : ३३८ मन, वाणी और कर्म से किए हुए पापों की मुक्ति कुष्माण्डसूक्त आदि से पापों का शोधन अघमर्षण सूक्त से स्नान उपांशु जप माहात्म्य
१०-११ गायत्री जप माहात्म्य
१२-१६ ३. पूर्वाध्यायरूपं, सर्वपाप प्रायश्चित्तम् : ३३६ वेदाभ्यास का माहात्म्य पुराण, इतिहास का माहात्म्य शतरुद्री आदि सूक्तों का माहात्म्य दान माहात्म्य
१६-१७ सुवर्ण, तिलादि दान माहात्म्य
४. रहस्यपाप प्रायश्चित्तमगम्यागमन प्रायश्चित्तम् : ३४२ रहस्य पापों का प्रक्षालन
५. विविध प्रकरण वर्णनम् : ३४४ भोजन के समय मण्डल का विधान अन्न देने के अधिकारियों का वर्णन भोज्यान्न के भिन्न-भिन्न अधिकारियों का वर्णन भोजन और जलपान का नियम
२०-२३
१८-२३
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