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अत्रिसंहिता
३६०
विद्वान् होने पर भी पतित ब्राह्मण की पूजा नहीं की जाती ३८५-३८६ खरीदी हुई स्त्री के पुत्र श्राद्ध करने योग्य नहीं होते हैं
३८७ धर्मफलवर्णनम् : ३८८ दीपक की छाया, बकरी की धूलि की शुद्धि स्नान के स्थानों का वर्णन
३६१ पिण्डदान के स्थान एवं समय का वर्णन
३६४ अत्रि संहिता का माहात्म्य विशेष—इस संहिता में भी नारदी-स्मृति की तरह छोटे-छोटे
प्रकरण हैं।
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प्रथम विष्णुस्मृति १. शोनकम्प्रति राज्ञः प्रश्नोक्तिः, शौनकस्योत्तरम् : ३८६ शौनक के प्रति ऋषियों का प्रश्न कि अन्तकाल में ध्यान करने से मोक्ष होता है
१-३ युधिष्ठिरस्य पितामहं प्रति प्रश्नः, भीष्मस्य पुरातन वार्ताकपनमोङ्कारवर्णनं, विष्णोः प्रसादन विधि वर्णनम्, ईश्वरवर्णनम्,
वरप्राप्तिवर्णनम्, नारायणवर्णनञ्च भीष्म के प्रश्न पर विष्णु भगवान् का उत्तर, नारायण नाम का माहात्म्य
४-१८ द्वादशाक्षर मन्त्र का माहात्म्य
१००-१११
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