Book Title: Shrutsagar Ank 2013 09 032
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
श्रुतसागर - ३२
सोभागी सुकुमाल नाल, विमल वसुधां ठविउं ए । बोलइ मंगल च्यारि, वाजिंत्र वाजइ अंगणइ ए ||१२||
अहवि दीइ आसीस, कोडि वरीस कुंअर जयउ ए । जणणीसिउं परिवार, नारि निपुण बोलइ हसिउं ए ||१३||
माजणडउ मनरंगि, कुंअर करावइ सुंदरी ए । जणणि ऊतारइ लूण, कुंअर पुड्ढाडइ' पालणइ ए ||१४||
7
चंद्रोआ चउसाल, चित्र चित्रामई आगला ए ।
रूपिइं अति अभिराम नाम जोसी देवराज दीउं ए ||१५||
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
हींचई चतुर तुरंग, रंगि रमलि' कुंअर करई ए बोलई नव-नव भंगि, चंग चतुर मन मोहतु ए ||१६||
|| ढाल //
जोउ जोउ निरूपम बाल, अट्टम-ससि जिम भाल । नासा वंस अमूल, जाणे तिलचुंअ - फूल || १७ ||
लोचन अमिअमय कुंड, जोतां हरख अखंड | जाणे मयनी धुणही " इसी अनोपम भ्रमही || १८ ||
गल्ल आरीस अभंग, अधर सुविद्रुमरंग ।
अडी दंतआवलीअ, जिसीअ दाडिमकुलीअ ||१९||
वाणी मधुर अपार, जिसिउ हुइ अमी अनुसार । दोला करण उदार, रमई रामतडी कुमार ||२०||
जीहा अमीअकी धार, बुद्धिई अभयकुमार । पूनमशशिहरवयण, उदयु नरवररयण ||२१||
बाहयुगल सुकुमाल, जिस्यां हुई कमलनां नाल । पल्लवविमल अंगुलीअ, सरल सकोमल मिलीअ ||२२||
हीअडउं जलहि गंभीर, बलवंत बावन वीर । सोवनवन्नसरीर, पहिरइ निरमल चीर ||२३||
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84