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श्रुतसागर - ३२
सोभागी सुकुमाल नाल, विमल वसुधां ठविउं ए । बोलइ मंगल च्यारि, वाजिंत्र वाजइ अंगणइ ए ||१२||
अहवि दीइ आसीस, कोडि वरीस कुंअर जयउ ए । जणणीसिउं परिवार, नारि निपुण बोलइ हसिउं ए ||१३||
माजणडउ मनरंगि, कुंअर करावइ सुंदरी ए । जणणि ऊतारइ लूण, कुंअर पुड्ढाडइ' पालणइ ए ||१४||
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चंद्रोआ चउसाल, चित्र चित्रामई आगला ए ।
रूपिइं अति अभिराम नाम जोसी देवराज दीउं ए ||१५||
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हींचई चतुर तुरंग, रंगि रमलि' कुंअर करई ए बोलई नव-नव भंगि, चंग चतुर मन मोहतु ए ||१६||
|| ढाल //
जोउ जोउ निरूपम बाल, अट्टम-ससि जिम भाल । नासा वंस अमूल, जाणे तिलचुंअ - फूल || १७ ||
लोचन अमिअमय कुंड, जोतां हरख अखंड | जाणे मयनी धुणही " इसी अनोपम भ्रमही || १८ ||
गल्ल आरीस अभंग, अधर सुविद्रुमरंग ।
अडी दंतआवलीअ, जिसीअ दाडिमकुलीअ ||१९||
वाणी मधुर अपार, जिसिउ हुइ अमी अनुसार । दोला करण उदार, रमई रामतडी कुमार ||२०||
जीहा अमीअकी धार, बुद्धिई अभयकुमार । पूनमशशिहरवयण, उदयु नरवररयण ||२१||
बाहयुगल सुकुमाल, जिस्यां हुई कमलनां नाल । पल्लवविमल अंगुलीअ, सरल सकोमल मिलीअ ||२२||
हीअडउं जलहि गंभीर, बलवंत बावन वीर । सोवनवन्नसरीर, पहिरइ निरमल चीर ||२३||
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