Book Title: Shrutsagar Ank 2013 09 032
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
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सितम्बर - २०१३ इंद्रनंदि मुनि थापीआ ए, गुरे पंडितपद तिहां आपिउं ए। विहरइ देस-विदेसू ए, श्रीसोमजयसूरिना सीसू ए ||८३!!
| ढाल । अहम्मदावाद नयर भलउं, जिहां विवहारीआ माहि। सजन मिली विमासिउं, लीइ लच्छी केरउ लाह ||८४।। मृगनयणी सवि सामही, जई वीनवइ ए पता हरिचंद। आचारिजपद थापिवा, संघ हीअडइ ए अतिहिं आणंद !!८५ (आंकणी) ईडरि गढि जई वीनव्या, लक्ष्मीसागरसूरि। सोनी लगन गणाविउं, वित्त वेचई पता हरिचंद भूरि 1।८६ ।। श्रीइंद्रनंदिसूरि थापीआ, आपीअ सूरिनु मंत्र । पता हरिचंद मनोरथ फलिउ. वाजा वाजइ ए नाचई पात्र |८७।।
।। ढाल ।। ईणे महोछवि थापीआ, आपीआ सूरिमंत्र सारू ए। सारीअ नारीअ पहिरी ए, बोलइ ए मंगल च्यारी ए 11८८11 गणहर गुणमणि भरिआं, वरीआ दीक्षाकुमारी ए। सोहइ ए शशिसम वयणू ए, नयणू ए उपशम पूरी ए ||८९|| पांच महाव्रत पालइ ए. वालइ ए मनह अपारू ए। यतिपति समितिहिं समितु ए, गुपतु ए गुपतिहि चारू ए ।।१०।। शशहर शशिगण सागर, नागर नरवर वारू ए। प्रणमई सुहगुरू सारू ए, वारी ए विकथा ए भारू ए १९१।।
|| ढाल । सकल सुहासिणी ए. तुम्हे करू सिणगार। गाउ मंगल धवल रसाल, सोहइ सुंदरू ए, रूपि पुरंदरु ए ।।१२।। आगमआगरू ए जिसियां गोयमसामि। दुरीअपणासइ लीधइ नामि, कामितसुरतरू ए, गावउ सुहगुरू ए 11९३।।
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