Book Title: Shrutsagar Ank 2013 09 032
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आदि जिन विवाहलो
हिरेन दोशी मारुगुर्जर साहित्यमां भक्ति अने उर्मिनी अभिव्यक्ति करती केटलीय कृतिओ मळे छे. साहित्यनो वैभव मारुगुर्जर कृतिओमां ठेक-ठेकाणे पथरायेलो जोवा मळे छे. कविना समर्पणभावमांथी नितरेली रचनाओमां भक्ति अने अहोभावनी एक तेज शब्दधारा मळे छे. एना वांचन-मनन अने चिंतनथी कर्ताए अनुभवेली भीनाश अने शीतळतानो अनुभव आपणने पण थया वगर रहेतो नथी.
__ आदिश्वर परमात्माना जीवनने संक्षिप्तमां सुंदर रीते रजू करती कृति आदि जिन विवाहलो अत्रे प्रकाशित छे. आम तो आ प्रकारनी कृतिनी रचना पाछळनो उद्देश तीर्थंकर भगवंतना चरित्रनुं वर्णन अने एमना प्रत्येनी भक्तिथी प्रेराईने एमनुं गुणगान ज मुख्यत्वे होय छे, तो साथे साथे जन सामान्यने सरळताथी एमना जीवननो परिचय पण मळी जाय एवा हेतुथी आवी कृतिओनुं निर्माण थतुं रयुं छे.
तीर्थकर भगवंतना जीवन प्रसंगने वर्णवता वर्णवता अहोभावनी छीपमांथी मळी आवेला मोती जेवी सुंदर कल्पना अने एनुं वर्णन ए कृतिनी उपादेयतामां वधु उमेरो करे छे. अनुभूति अने भक्तिनी मांडीने वात करती केटलीय कृतिओ आजे उपलब्ध छे. एमांनी ज एक कृति एटले आदि जिन विवाहलो.
४४ ढाळना २४३ पद्योमां आ कृतिआखी विस्तरे छे. कृतिना नामथी ज कर्ताए पोताना कथित विषयने स्पष्ट कर्यो छे. आदिश्वर परमात्माना जीवननी आसपास बनती घटनानुं सुंदर वर्णन कविए रजु कटुं छे. कृति परिचय :
माता सरस्वती अने शासनदेवीने प्रणाम करी, एमनी सहायथी आ कृतिनी रचनानो प्रारंभ करे छे. प्रारंभनी १० ढाळमां भगवानना पूर्वभवनुं वर्णन करवामां आव्युं छे. कविए क्यांक क्यांक संक्षिप्तमां तो क्यांक योग्य विस्तार साथे भगवानना पूर्वभवनी वात रजु करी छे. ११मी ढाळथी ऋषभदेव प्रभुना जीवननी वात शरू थाय छे. परमात्मा मातानी कुक्षिए पधारतां मरूदेवी माताने आवेला चौद स्वप्न अने प्रभुनो जन्म थया बाद इंद्र द्वारा थयेला जन्म महोत्सवना वर्णनमा कविए सुंदर रंग पूर्या छे.
कविए प्रभुना बाळपण अने प्रभुनी देहयष्टिनी सुंदरतानी वात विविध उपमा सभर करी छे, परमात्माना ३४ अतिशयोने पण कविए कृतिना माध्यमे वर्णवी लीधा छे. १८मी ढाळथी कवि परमात्माना लग्न अवसरनी वात करे छे. लग्न प्रसंगे इंद्र अने इंद्राणी सहित देव-देवीओए करेला उत्सव अने आनंद मंगळनी वात आ
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84