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(साल) आदि धान्यका सचित्त अचित्त विभाग इस प्रकार कहा हैप्रश्न - हे भगवंत ! शालि (साल- चांवलकी जाति), व्रीहि (सर्व जातिकी सामान्य साल), गोधूम (गेहूं), जब, जबजब (एक जातके जब ये धान्य कोठीमें, बांससे बनाये हुए टोकने में, थोडेसे उचे ऐसे मंच में और ज्यादह उंचे ऐसे मालेमें ढक्कन के पास गोबर आदिसे लिपे हुए अथवा सब तरफ गोवर से लिपे हुए, मुद्रित (मुंह परसे बंद किये हुए), ऐसे में रख दिये जाय तो उनकी योनि कितने समय तक रहती है ?
उत्तर - हे गौतम! जघन्यसे अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट से तीन वर्ष (योनि रहती हैं). तदनंतर योनि सूख जावे तब वे ( धान्य ) अचित्त होजाते हैं, और बीज अबीज होजाते हैं ।
प्रश्न - हे भगवन्त ! बटला, मसूर, तिल, मूंग, उडद, बाल, कुलथी, चवला, तूवर, काले चने इत्यादि धान्य शालके समान कोठी में रखेंतो उनकी योनि कितने समय तक रहती है ?
उत्तर - हे गौतम! जघन्यसे अंतर्मुहूर्त और उत्कृष्टसे पांच वर्ष तक (योनि रहती है. ) तदनंतर योनि सूखने पर (वे धान्य) अचित्त होते हैं और बीज अबीज होते हैं ।
प्रश्नः - हे भगवंत ! अलसी, कुसुंभक, कोदों, कांगणी, बंटी, रालक, कोड्सग ( कोदों की एक जाति ), सन, सरसों, मूलबीज इत्यादि धान्य शालके समान रखें तो उनकी योनि कितने समय तक रहती है ?