Book Title: Shatrunjay Mahatirthoddhar Prabandh
Author(s): Jinvijay
Publisher: Jain Atmanand Sabha

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Page 58
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऐतिहासिक सार-भाग। $ १ महिमद, ८ मोजदीन. २ सांजरसाहि, ९ अलावदीन. ३ मोजदीन. १० नसरत. ४ कुतुबदीन. ११ ग्यासदीन. ५ साहबदीन. १२ मोजदीन. ६ रुकमदीन. १३ समस्दीन. ७ जूआंबीवी. १४ जलालदीन. १५ वाँ बादशाह अलाउद्दीन हुआ। वह संवत् १३५४ में दिल्ली के तख्त पर बैठा । उसने ठेठ गुजरात से ले कर लाभपुर (लाहोर) तक का प्रदेश जीता था । अलाउद्दीन से लेकर, कुतुबदीन, सहाबदीन, खसरबदीन, ग्यासदीन और महिमुद तक के दिल्ली के ६ बादशाहों ने गुजरात का शासन चलाया । उन की आज्ञा से क्रमशः अलखान (अलपखान ), खानखाना, दफरखान और ततारखान पाटन के सुबेदार रहे । पीरोजशाह के समय में गुजरात स्वतंत्र हुआ और गुजरात की जुदी बादशाही शुरू हुई । संवत् १४३० में मुजफर नामका हाकिम गुजरात का पहला बादशाह बना । * इन सब मुसलमान बादशाहों के राज्यकाल का भी मान ‘राजावलीकोष्ठक' में दिया हुआ है। - * राजावलीकोष्टक में, इस ने २४ वर्ष राज्य किया ऐसा लिखा हुआ है। उस में इस के सदूमलिक (१), उज्जहेल (2) और मुजफ्फर इस प्रकार तीन नाम लिखे हैं जिन में प्रथम के दो का कुछ भी अर्थ ज्ञात नहीं होता। तवारिखों में इस का पहला नाम जफरखान मिलता है। इस के बादशाह होने की तारीख तवारिखों में जुदी जुदी मिलती है । रासमाला में ई. सन् १३९१ (संवत् १४४७ ) का उल्लेख है। अन्यान्य ग्रन्थों में ई० सन् १४०७-८ (संवत् १४६३-४ ) मिलता है । कोष्टक में लिखा है कि पूर्वावस्था में कुछ उपकार करने के कारण फिरोजशाह बादशाह ने अपना उपकारी समझ कर इसे गुजरात For Private and Personal Use Only

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