________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ऐतिहासिक सार-भाग।
शध्रुजयतीर्थोदार के प्रतिष्ठाता मूरिवर का वंशवृक्ष ।
विजयरत्नसूरि
धर्मरत्नसूरि
विद्यामण्डनसूरि
विवेकमण्डन
सौभाग्यरत्नसूरि सौभाग्यमण्डन
रत्नसागर
जयमण्डन
विवेकधीर
*जयवंत पण्डित
क्षमाधीर
* जयवंत पण्डित ने संवत् १६१४ में गुजराती कवितामें 'शृंगारमंजरी' नामक एक ग्रंथ बनाया है। इस की रचना बहुत ही सरस और सुन्दर है। इस में शीलवती का चरित्र वर्णित है।
For Private and Personal Use Only