Book Title: Shatkhandagama Pustak 11
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Balchandra Shastri, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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विषय-सूची
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२० एक सूक्ष्म जीवकी अपेक्षा दूसरे सूक्ष्म जीवकी, सूक्ष्म जीवकी अपेक्षा बादर जीवकी
तथा बादर जीवकी अपेक्षा सूक्ष्म जीवकी अवगाहना सम्बन्धी गुणाकारविशेषोंका
उल्लेख। २१ संदृष्टिद्वारा अवगाहनाभेदोंके स्वामियोंका निर्देश ।
६ वेदनाकालविधान १ वेदनाकालविधानमें ज्ञातव्य ३ अनुयोगद्वारोंका उल्लेख करते हुए कालके ७ मूल
भेदोंका उल्लेख करते हुए कालके ७ मूलभेदों एवं उत्तर भेदोंका स्वरूप। ७५ २ पदमीमांसा आदि उक्त ३ अनुयोगद्वारोंका नामोल्लेख
(पदमीमांसा ) ३ पदमीमांसामें कालकी अपेक्षा ज्ञानावरणीयवेदना सम्बन्धी उत्कृष्ट-अनुत्कृष्ट आदि
१३ पदोंकी प्ररूपणा ४ शेष ७ कर्मोकी कालवेदनाके उक्त १३ पदोंका विचार
(स्वामित्व) ५ स्वामित्वके जघन्य व उत्कृष्ट पदविषयक २ भेदोंका निर्देश ६ जघन्यके विषयमें नामादि निक्षेपोंकी योजना ७ उत्कृष्टके विषयमें नामादि निक्षेपोंकी योजना ८ कालकी अपेक्षा उत्कृष्ट ज्ञानावरणीयवेदनाके स्वामीकी प्ररूपणा ९ कालकी अपेक्षा अनेक भेदोंमें विभक्त अनुत्कृष्ट ज्ञानावरणीयवेदनाके स्वामियोंकी
प्ररूपणा १० प्ररूपणा आदि ६ अनुयोगद्वारोंके द्वारा उक्त अनुत्कृष्ट स्थानविकल्पोंके स्वामियोंकी प्ररूपणा।
१०८ ११ झानावरणीयके ही समान शेष ६ कर्मोंकी भी उत्कृष्ट-अनुत्कृष्ट वेदना बतलाकर आयु कर्मकी उत्कृष्ट कालवेदनाके स्वामीका निरूपण ।
११२ १२ कालकी अपेक्षा आयु कर्म सम्बन्धी अनुत्कृष्ट वेदनाकी प्ररूपणा ।
११६ १३ कालकी अपेक्षा जघन्य ज्ञानावरणीयवेदनाके स्वामीका विवेचन ।
११८ १४ कालकी अपेक्षा अजघन्य ज्ञानावरणीयवेदनाके स्वामिभेदोंकी प्ररूपणा । १२० १५ दर्शनावरणीय और अन्तराय सम्बन्धी जघन्य व अजघन्य वेदनाओंकी ज्ञानावरणसे समानताका उल्लेख ।
१३२ १६ कालकी अपेक्षा जघन्य वेदनीयवेदनाके स्वामीका निर्देश । १७ वेदनीयकी अजघन्य वेदनाके स्वामीकी प्ररूपणा ।
१३३ १८ आयु, नाम और गोत्र सम्बन्धी जघन्य-अजघन्य कालवेदनाओंकी वेदनीयवेदनासे समानताका उल्लेख ।
१३४ १९ कालकी अपेक्षा जघन्य व अजघन्य मोहनीयवेदनाओंके स्वामियोंका उल्लेख १३५
. (अल्पबहुत्व)
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