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समरसिंह
यक्षदेवसूरि- जिन्होंने दुष्काल के पश्चात् बज्रसेनसूरि की सन्तान 1 को सुव्यवस्थित कर चन्द्रादि चार कुलों की स्थापना की ।
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देवगुप्तसूरि- जिन्होंने कान्यकुब्ज नरेश चित्रांगद को प्रतिबोध 1 दे कर अनेक मनुष्यों के साथ जैनी बनाया |
यक्षदेवसूरि- जिन्होंने संघ या मन्दिर मूर्त्तियाँ के लिये प्राणार्पण करने को कटिबद्ध हो म्लेच्छों के आक्रमणों से धर्म की रक्षा की ।
नन्नप्रभ महत्तर ( एक महान् पदवीधर )
यक्षप्रभ महत्तर
कृष्णर्षि महत्तर — जिन्होंने मरुभूमि - सपादल च और नागपुर (नागोर) प्रान्त में जैन धर्म का साम्राज्य स्थापन कर अनेक
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मन्दिर मूर्त्तियों की प्रतिष्ठा की
ककसूरि- जिन्होंने उच्चकोट, मरुकोट, राणकगढ़ और त्रिभुवनके राजा प्रजा को जैन बना के अहिंसाधर्म का प्रचार किया ।
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गढ़
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कक्कसूरि- जिन्होंने संचेति कुलभूषण कदर्पि के बनाये गये विशाल
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मन्दिर की बड़ी ही चमत्कारपूर्ण प्रतिष्टा की ।