Book Title: Samar Sinh
Author(s): Gyansundar
Publisher: Jain Aetihasik Gyanbhandar

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Page 269
________________ समरसिंह नेमी हुए जिन्होंने अपने पूर्वजों के कमाए हुए यश को विशेष परिवर्तित किया । जिनका संक्षिप्त परिचय प्रारम्भ का इस परिशिष्ट के फुटनोटों में दिया गया है । इस सम्बन्ध में ऐसे कई लेख इस समय और भी प्राप्त हो चुके हैं जिन में हमारे चरितनायक के वंशजों का वर्णन विक्रम की सोलहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक का मिलता है। यदि इस विषय में कुछ और गवेषणा की जाय तो अवश्य कुछ और विशेष वर्णन प्राप्त हो सकता है ।

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