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उपकेशगच्छ परिचय।
१३. [अवशिष्ट संख्या ३] श्रीउपकेशगच्छाचार्यों के निर्माण किये हुए ग्रन्थ ।
यों तो उपकेशगच्छाचार्योंने अनेकानेक महान् ग्रन्थों की रचना की है जिनमें कई उत्तमोत्तम ग्रन्थ तो विधर्मियों के प्रत्याचारों से नष्ट भ्रष्ट हो चुके । शेष रहे हुए कई प्रन्थरन अभी तक भण्डारों को ही सेवन कर रहे हैं। वर्तमान शोध और खोजसे जिन ग्रन्थों की सूची प्रसिद्ध हुई है उनमें से कतिपय ग्रन्थों की नामावली यहां दी जाती है।
सं. | ग्रंथों के नाम. ग्रंथकर्ताओं के नाम रचित संवत -
स्थान. १ मुनिपति चरित्र मुनि जम्बुनाग | १००५ जैसलमेर में २ जिनशतक ..
१०२५ काव्यमाळागु. ३ चन्द्रदूत काव्य
जै० भंडार में ४ धर्मोपदेश लघुवृत्ति कृष्णर्षि के शिष्य | १५ पाटण भंडारमें
(जयसिंह) नौपद प्रकरण देवगुप्तसूरि १०७३
. (जिनचन्द्र) , वृति नं १ , "" , न. २ , "" " नं. ३) कुळचंद उ०
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