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जासूस
कुछ परिश्रम करने पर भी इससे अधिक और कोई बात मालूम न
कर सका ।
परन्तु इतने वाक्यांशसे ही मेरा अन्तःकरण पुलकित हो उठा । जमीन के भीतर किसी विलुप्त वंश प्राचीन प्राणीकी कोई हड्डी मिल जानेसे जिस तरह प्रनतत्त्ववेत्ताओं की कल्पना आनन्दके आवेश में नाच उठती है उसी तरह मैं भी नाच उठा ।
मैं जानता था कि याज रातको दस बजे हमारे डेरेपर हरिमति आनेवाली है । तब, उसके पहले ही शामको सात बजे यह क्या होनेवाला है ? सचमुच ही इस युवकमें जैसा साहस है, बुद्धि भी वैसी ही ती है । यदि कोई गुप्त अपराधका काम करना हो, तो घरपर जिस दिन किसी दूसरे कामकी धूमधाम हो, उसी दिन मौका देखकर कर डालना चाहिए | क्योंकि ऐसे अवसरपर एक तो लोगोंकी दृष्टि प्रधान काकी ओर ही श्रकृष्ट रहती है और दूसरे इस बातका किसीको विश्वास ही नहीं होता कि जहाँपर कोई विशेष समागम होता है, वहाँ उस दिन जान-बूझकर कोई गुप्त अपराधका भी काम किया जा सकता है ।
एकाएक मुझे सन्देह हुआ कि हमारे साथ जो नई मित्रता हुई है उसे, और हरिमति के साथ जो प्रेमाभिनय चल रहा है उसे भी, मन्मथने अपनी कार्य-सिद्धिका एक उपाय बना लिया है । यही कारण है कि वह न तो स्वयं पकड़ाई देता है और न अपनेको छुड़ाकर अलग ही हो जाता है । वह इस भ्रमको भी दूर नहीं करना चाहता कि हम लोग उसके गुप्त कार्य में बाधा-स्वरूप बन रहे हैं; और सभी समझते हैं कि वह हम लोगों के कारण ही व्यापृत रहता है 1
इन सब तर्कोंपर एक बार विचार करके देख लेना चाहिए। इस विषय में किसीको सन्देह नहीं हो सकता कि जो विदेशी विद्यार्थी छुट्टी के दिनों में अपने नाते-रिश्तेदारोंकी विनय अनुनयकी परवा न करके एक
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