Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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46. करेवि कर + एवि बनाकर
1/8/1 47. कहेवि कह + एवि कहकर
28/9/1 48. खंचेवि खंच + एवि खींचकर
3/7/3 49. खंडेवि खंड + एवि टुकड़े करके 11/1/9 50. खीले वि खील + एवि अवरुद्ध करके 82/2/घ. 51. खुडेवि खुड + एवि काटकर
16/7/2 52. खुण्टेवि खुण्ट + एवि काटकर 40/9/घ. 53. गणेप्पिणु गण + एप्पिणु गिनकर 21/13/8 54. गणेवि गण + एवि समझकर 22/11/घ. 55. गम्पिणु गम + एप्पिणु जाकर 1/15/घ. 56. गमेप्पिणु गम + एप्पिणु बिताकर 85/12/8 57. गरहेवि गरह + एवि निंदा करके 89/8/1 58. गवेसेवि गवेस + एवि खोज करके 39/12/8 59. गाएवि गा + एवि गाकर
30/4/2 60. गिलेप्पिणु गिल + एप्पिणु निगलकर । 26/19/6 61. गेण्हेवि गेण्ह + एवि ग्रहण करके 2/6/8 62. घडेवि घड + एवि मिलाकर 16/6/2 63. घत्तेवि घत्त + एवि फेंककर 28/7/घ. 64. घाएवि घा + एवि मारकर
35/4/6 65. घिवेवि घिव + एवि फैककर 28/7/घ. 66. घोसेप्पिणु घोस + एप्पिणु घोषणा करके 18/4/घ. 67. चडेप्पिणु चड + एप्पिणु आरूढ़ होकर 3/12/6 68. चप्पिउ चप्प + इउ दबाकर 32/12/6 69. चरेप्पिणु चर + एप्पिणु आचरण करके 35/10/घ. पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन]
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