Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 69
________________ क्र. सं. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. (ख) सकर्मक क्रियाओं से बने हुए नियमित भूतकालिक कृदन्त कृदन्तयुक्त - क्रिया + कृदन्त - हिन्दी अर्थ क्रिया प्रत्यय अंचिय अंच + य अक्खियइँ अक्ख + य अच्छोडिय अच्छोड + य अज्जिय अज्ज + य 8. अप्फालिउ अप्फाल +अ अप्फालियइँ अप्फाल + य अवगाहिय अवगाह + य अवरुण्डिउ 9. अवलोइय 10. अवहत्थिय 11. अवहरिउ 62] 15. अहिलसिय अवरुण्ड + अ 12. अवहरिय अवहर + य 13. असिउ अस + अ 14. अहिणन्दिउ अहिणन्द + अ Jain Education International अवलोअ + य अवहत्थ + य अवहर + उ अहिलस + य अर्चा की गई कहे गये काट दिया अर्जन किया गया पटका गया बजाये गये सन्दर्भ 44/16/2 79/13/ घ. 66/9/9 75/21/घ. 35/13/6 71/3/2 1/2/9 अवगाहन किया गया आलिंगन किया गया देखा गया 9/2/1 त्याग दिया गया 19/1/ प्रा. 33/2/8 For Personal & Private Use Only 5/7/11 अपहरण किया गया छीन ली गई 7/11/8 खा लिया गया 39/9/7 अभिनंदन किया 27/15/ घ. गया अभिलाषा की गई 42/8/4 [ पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन www.jainelibrary.org

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