Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 75
________________ 117. णिसुम्भिउ णिसुम्भ +अ मार दिया गया 25/15/5 118. णिहालिय णिहाल + य देखे गये 36/1/3 119. णीसारिउ णीसार + अ निकाला गया 10/9/1 120. तरिय तर + य तर चुके मंगलाचरण 121. ताडिउ ताड + अ आहत कर 46/5/घ. दिया गया 122. ताडिय ताड + य बजाये गये . 12/10/8 123. तुलिय तुल + य उठाई गई 78/19/4 124. तोडियइँ तोड + य तोड़ी गई 61/3/1 125. थविउ थव + अ रख दिया गया 2/7/5 126. दमिउ दम + अ दमन किया गया 78/20/5 127. दरमलिउ दरमल + अ दलित किया गया 43/2/6 128. दरिसिउ दरिस + अ प्रदर्शन किया गया4/11/5 129. दलियउ दल + य चूर-चूर किया 35/13/8 गया 130. दलवट्टिय दलवट्ट + य । चकनाचूर किये 4/8/7 गये 131. दोच्छित दोच्छ + अ झिड़का गया 20/9/4 132. धरियउ धर + य धारण की गई 1/10/2 133. धरिउ धर + अ रखा गया 3/1/13 134. धाइयाइँ धा + य दौड़ी 82/4/6 135. धाहाविउ धाहाव + अ जोर से चिल्लाई 19/5/8 136. धिक्कारिउ धिक्कार + अ धिक्कारा गया 22/10/3 137. धीरिय धीर + य धीरज बँधाया गया23/5/1 68] [पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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