Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 85
________________ 22. जेहें दुच्चरिउ परियाणेवि वसुभूइहे जीविउ अवहरिउ। 33/2/8 - बड़े भाई के द्वारा दुश्चरित जानकर वसुभूति के जीवन का अपहरण किया गया। 23. जाणइ-कन्तें पक्खि-भवन्तरु आयण्णिउ। 35/10/1 - राम के द्वारा पक्षी के भवान्तर सुने गये। 24. मइं भरहहो महि-मण्डलु समप्पिउ। 4/13/घ. ___ - मेरे द्वारा भरत के लिए धरती समर्पित कर दी गई। 25. महि रंगें रंगिय। 1/5/घ. - धरती लाल रंग से रंग गयी। 26. इन्दं पुण्णाउस णीलंजण कोक्किय । 2/9/5 ___- इन्द्र के द्वारा पुण्य आयुवाली नीलांजना बुलाई गई। 27. कुलवहु इज्जए तज्जिय। 4/9/घ. - सास के द्वारा कुलवधु डाँट दी गई। 28. बालिं अहि-णासणिय गारुड-विज्ज विसज्जिय। 12/7/घ. ___ - बालि के द्वारा सर्यों का नाश करनेवाली गारुडविद्या भेजी गई। 29. रयणासवेण वहू अवलोइय। 9/2/1 ___ - रत्नाश्रव के द्वारा वधू देखी गई। 30. तहिं पत्थावे पुरन्दरेण लहु माहिन्द-विज्ज संभरिय। 8/7/घ. - उसके प्रस्ताव पर इन्द्र के द्वारा शीघ्र ही माहेन्द्र विद्या स्मरण की गई। प्रथमा विभक्ति बहुवचन के वाक्य-प्रयोग - 1. भरहेण तुरिय महन्ता पट्टविय । 4/3/2 - भरत के द्वारा शीघ्र ही मन्त्री भेजे गये। 78] [पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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