Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 113
________________ 91. खव - क्षय करना 93. खील = अवरुद्ध करना 95. खुड काटना 97. गण = गिनना 99. गम = बिताना 101. गवेस = खोज करना 103. गा / गाय गाना 105. गुण = विचार करना 107. गेण्ह - ग्रहण करना 109. घत्त = फैंकना 111. घा मारना 113. घोट्ट = घोटना 115. चक्ख चखना 117. चप्प - चाँपना 119. चर - आचरण करना 121. चव कहना 123. चिंतन = चिंतन करना 125. चोअ = प्रेरित करना 127. छड्ड 3 छोड़ना 129. छाय - छाया करना 131. छुह - डालना 133. जंप = बोलना 135 जण उत्पन्न करना 137. जा जाना 106] S Jain Education International 92. खा खाना 94. खुंट = काटना 96. गण - समझना 98. गम - जाना 100. गरह = 102. गह पकड़ना 104. गिल = निगलना' 106. गुप्प = छिपाना 108. घड = मिलाना, गढ़ना 110. घल्ल - डालना 112. घिव = फैंकना 114. घोस घोषणा करना 116. चड = सवार होना 118. चर चरना 120. चल / चल्ल - चलना 122. चिंत = चिंतन करना निंदा करना こ 124. चूर चूरा करना S 126. छंड = छोड़ना For Personal & Private Use Only 128. छल छल करना 130. छिंद = छेदना 132. छोड छोड़ना 134. जज्जर - जर्जर करना 136. जयकार - जयकार करना 138. जाण = जानना [ पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त - संकलन 3 www.jainelibrary.org

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