Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 118
________________ 321. मुंच = छोड़ना 323. मुअ / मुय = छोड़ना 325. मुसुमूर कुचलना 327. मेल्ल = छोड़ना 329. मोह = मोहित करना S 331. रंज खुश करना こ 333. रक्ख - रक्षा करना 335. लंघ - लांघना, अतिक्रमण करना 337. लक्ख = देखना 339. लव - बोलना 341. लिह = लिखना 343. ले लेना 345. वंद्र - वंदना करना 347. वक्खाण व्याख्यान करना 349. वज्जर = बोलना 351. वर वरण करना 353. वह वध करना, प्रहार करना 355. वार = रोकना, मना करना - = 357. वावर युद्ध करना 359. विंध = बींधना 361. विचिंत = विचारना 363. विणास - नष्ट करना पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त - संकलन ] Jain Education International 322. मुंड = मूँडना 324. मुण समझना, विचार करना 326. मेलव - इकट्ठी करना 328. मोड = मोड़ना 330. रंग = रँगना 332. रअ / रयबनाना, निर्माण करना 334. रेल्ल = बहाना 336. लअ = लेना 338. लग्ग - लगना 340. लह प्राप्त करना 342. लुह = पोंछना 344. वंच = वंचित करना, छोड़ना 346. वइसार बैठाना 348. वज्ज = वर्णन करना 350. वण्ण = वर्णन करना, देखना 352. वरिस = वर्षा करना 354. वाअ - बजाना 356. वाल = मोड़ना 358. वाह = हाँकना 360. विक्खिर = बिखेरना 362. विच्छोड = अलग करना 364. विणिवाअ = मारना, For Personal & Private Use Only [111 www.jainelibrary.org

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