Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 111
________________ (ख) कृदन्तों में प्रयुक्त सकर्मक क्रियाएँ 2. अंदोल 1. अंच = अर्चना करना 3. अइकम = अतिक्रमण करना 5. अच्छोड = काटना 7. अणुहर - अनुकरण करना 9. अणुहुंज = उपभोग करना 11. अप्फाल - बजाना 13. अलह प्राप्त न करना 15. अवगाह - अवगाहन करना 17. अवयर - अवतरण करना 19. अवलोअ = देखना 21. अवहर छोड़ना 23. अवहार = परित्याग करना 25. असह - सहन न करना 27. अहिलस - अभिलाषा करना 29. अहिसिंच - अभिषेक करना 31. आउच्छ - पूछना 33. आण लाना 35. आमेल्ल - छोड़ना 37. आयर - आचरण करना 39. आरंभ = आरंभ करना 41. आरूस = क्रोध करना 104] Jain Education International = झूलना 4. अक्ख - कहना 6. अज्ज = अर्जन करना 8. अणुहव - अनुभव करना 10. अप्प = अर्पण करना 12. अब्मत्थ = अभ्यर्थना करना 14. अवगण्ण = अवहेलना करना 16. अवतंभ = सहारा लेना 18. अवरुण्ड = आलिंगन करना 20. अवहत्थ - छोड़ना 22. अवहर अपहरण करना 24. अस - खाना 26. अहिणंद = अभिनंदन करना 28. अहिसार - अभिषेक करना 30. आआना 32. आऊर पूरा करना S 34. आपेक्ख = देखना こ 36. आयण्ण - सुनना 38. आयाम - लंबा करना, बल लगाना 40. आराह - आराधना करना 42. आरुह こ चढ़ना [ पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त - संकलन For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org


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