Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 62
________________ 32. टलिउ टल + अ डिगा 89/7/8 33. डरिउ डर + अ डर गया 6/13/6 34. डोल्लिय डोल्ल + य काँप गया 41/12/7 35. डोल्लियइँ डोल्ल + य हिल गये 54/1/घ. 36. णच्चियइँ णच्च + य नाचने लगे 75/13/घ. 37. णिवडिय णिवड + य गिरे हुए 1/5/घ. 38. णिवसिय णिवस + य रही 81/5/घ. 39. णीसरियइँ णीसर + य निकले 77/18/5 40. ण्हाय ण्हा + य स्नान किया 15/9/7 41. ण्हाणिय ण्हाण + य स्नान किया 77/17/9 42. तुट्टिय तुट्ट + य टूट गई 22/2/3 43. तोसिय तोस + य संतुष्ट हुआ 75/22/1 44. थम्भिउ थम्भ + अ रुक गया 13/1/1 45. थरहरिय थरहर + य हिल गयी 1/8/3 46. पकन्दियउ पकन्द + य आक्रन्दन किया 29/6/1 गया 47. पज्जलिउ पज्जल + अ जल उठा 13/11/6 48. पडिखलियउ पडिखल + य स्खलित हो गया 32/12/8 49. पडियइँ पड + य पड़े हुए 52/2/6 50. पणच्चिउ पणच्च + अ नाचा 2/7/6 51. पप्फुल्लियइँ पप्फुल्लि + य खिल गये 49/12/घ. 52. पयट्टिउ पयट्ट + अ कूच किया 53. परिवढिउ परिवड्ढ + अ बढ़ा 3/6/1 54. पल्लट्टिउ पल्लट्ट + अ लौट आया 33/2/6 21/7/1 पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन ] [55 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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