Book Title: Paumchariu me Prayukta Krudant Sankalan
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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94. णवेप्पिणु णव + एप्पिणु नमन करके 1/1/प्रा. 95. णासेवि णास + एवि भागकर 32/11/8 96. णिएवि णिअ + एवि देखकर 2/9/1 97. णिक्खणेवि णिक्खण + एवि खोदकर 56/15/2 98. णिज्जिणेवि णिज्जिण + एवि जीतकर 56/15/2 99. णिद्दारेवि णिद्दार + एवि चीरकर
2/7/4 100. णिहलेवि णिद्दल + एवि उखाड़ कर 18/2/6 101. णिन्देवि णिन्द + एवि निन्दा करके 28/8/8 102. णिब्मच्छेवि णिभच्छ + एवि निन्दा करके 72/8/4 103. णियत्तेवि णियत्त + एवि नियन्त्रित करके 31/3/1 104. णिरुंभेवि णिरुंभ + एवि अवरुद्ध करके 28/4/4 105. णिवारेवि णिवार + एवि निवारण करके 42/8/6 106. णिव्वाडेप्पिणु णिव्वाड + एप्पिणु चुनकर 6/4/घ. 107. णिसुणेवि णिसुण + एवि सुनकर 1/12/7 108. णेवि णी + एवि ले जाकर 82/7/8 109. तज्जेवि तज्ज + एवि भर्त्सना करके 17/3/घ. 110. तरेप्पिणु तर + एप्पिणु पार करके 27/12/1 111. तवेप्पिणु तव + एप्पिणु तप करके 35/10/घ. 112. ताडेवि ताड + एवि ताड़ित करके 48/3/घ. 113. तुलेप्पिणु तुल + एप्पिणु तौलकर 77/5/घ. 114. तोडेप्पिणु तोड + एप्पिणु तोड़कर 2/12/8 115. थंभेवि थंभ + एवि रोककर 14/13/8 116. थवेप्पिणु थव + एप्पिणु स्थापित करके 2/2/7 117. दरमलेवि दरमल + एवि चूर-चूर करके 18/2/6 पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन]
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