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महापुराण
[३८. १८.१०घत्ता-ताण दीह ससहरधवल उक पडती विट्ठिय ।।
णं णहसिरिफंठहु परियलिय चलमुत्ताहलकंठिय |१८||
पेच्छंतहु सा वईि जिविलीणी ईसमणीस समासमलीणी। गयणु मुक्क उपक गय जोही थिर रेसरसंपय हो । लग्गमि णिरघजहि मुणिविजहि पभणइ सामि जामि पार्वजहि । छणि छणि जड़यणु कि हरिसिजहि आउ वरिसबरिसेणे जि खिवजह । जीय भणंत विहसइतूसह मर पभणंतहरुखहरूसह। ण सहा मरणह केरउ णा वि. पहरणु धरह फुरइ णित्थाउ वि | कालि महाकालिहिं घरू दुक्का मज्जु मासु ढोवंतु ण थक्कइ । जोइणीहिं को किरें रखिन्जा पीडिषि मोडिवि काले खज्जह । खयकालहु रक्खंति णा किंकर मय मायंग तुरंगम रहवर । खयकालहु रक्खंति न केसव चक्कट्टि विजाहरप्रसव । होइ विसुई सप्प घेप्पई
दादिषिसापिमिगहि दारिजइ । जलि जलयर थलि थलयर वदरिय नहि णहयर भक्खंति अवारिय । सो वि जीउ जोवेवेह वंछा लोहें मोहें मोहित अच्छा।
पत्ता-चन्द्रमाके समान धवल लम्बी उल्का गिरते हुए देखी मानो आकाशरूपी लक्ष्मीकी मोतियोंकी चंचल कण्ठी गिर गयी हो ||१८||
देखते-देखते वह उल्का वहीं विलीन हो गयी। भगवान की बुद्धि उपशमको प्राप्त हुई। वह विचार करने लगे कि जिस प्रकार आकापसे च्युत अल्का चली गयी, उसी प्रकार नरेश्वरकी सम्पत्ति अस्थिर है। मैं निरवय मुनिविद्या में लगेगा। स्वामी ने कहा कि में प्रवज्याके लिए जाता हूँ। मूर्खजन क्षण-क्षणमें क्यों प्रसन्न होता है ? आयु साल-सालमें क्षीण क्षोण होती है। 'जियों' कहने वालों पर (जोव ) हंसता है और सन्तुष्ट होता है, मरो कहने वालों पर गर्जता है
और रुष्ट होता है ? वह मरणका नाम भी सहन नहीं करता। दुवैल होते हुए भी प्रहरण धारण करता है, स्फुरित होता है । काली और महाकालीके घर पहुँचता है। और मद्य मांस ले जाते हुए नहीं थकता। योगिनियोंके द्वारा किसको रक्षा की जाती है, कालके द्वारा पीडित कर और तोड़कर खा लिया जाता है। अनुचर क्षयकालसे नहीं बचा सकते। मत्तमातंग तुरंग और रथवर भी। क्षयकालसे केशव चक्रवर्ती विद्याधर इन्द्र भी रक्षा नहीं करते। विशचिका होता है और सपिके द्वारा ग्रहण किया जाता है। दाढ़ो और सींगवाले पशुओंके द्वारा विदीर्ण कर दिया जाता है। जल में जलपर और थल में थलचर उसके दुश्मन है. आकाशमें आकाशचर जोव खा लेते हैं विना किसी देरके । तब भी जोव जीनेको इच्छा रखता है, और लोभ तथा मोहसे मोहित रहता है ।
७. A हो। १९. १. P पवजहि । २.A P वरिसु बरिसेण । ३. A मरणु मणंतह; P मय पमणंतह । ४. A किर
को रश्खिबर: Pकिकिर । ५. A संपेसिजद। .A Padd after this : दहि बड़ा अलणेण पलिप्पा । ७. K°मृगहि । ८. A P add after this : विसविवश्वसत्यहि मारिया। ९. A जीवत; Pबीवेक्वत ।
Free niran हि युद्ध बलोग