Book Title: Jivan Vigyana aur Jain Vidya
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 8
________________ जीवन विज्ञान-जैन विद्या बी. ए. (तृतीय खंड) तृतीय प्रायोगिक पाठ्यक्रम अंक-५० (क) आसन: १. पवनमुक्तासन ४. सर्वांगासन २. भुजंगासन ५. हलासन ३. धनुरासन ६. मत्स्यासन (ख) प्राणायाम: १. भस्त्रिका २. केवल कुंभक ३. कपालभाति (ग) यौगिक क्रियाएं निम्नलिखित शरीरांगों की क्रियाएं१. मस्तक ७. हाथ २. आंख ८. सीना और फेफड़े ९. कमर ४. मुख एवं स्वरयंत्र १०. पैर ५. गर्दन ११. घुटने एवं पंजे ६. स्कन्ध (घ) कायोत्सर्ग (दीर्घकालीन): कायोत्सर्ग कराने का प्रशिक्षण (ड) प्रेक्षाध्यान: १. लेश्याध्यान । २. लयबद्ध दीर्घश्वास का अभ्यास। ३. कान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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