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जीवन विज्ञान-जैन विद्या सोचता रहे कि 'मैं अकेला हूं' तो तीन महीने के बाद जब वह बाहर आएगा तो वह इतना बदल जाएगा कि बाहर कि दुनिया उसे झूठी प्रतीत होने लगेगी। वह सोचेगा-सब कुछ झूठ-ही-झूठ है। जो लोग अपने संबंधों की चर्चा करते हैं, वे सब असत्य हैं। संसार में होने वाले संबंध सत्य नहीं है। सत्य है अकेलापन।
2. अन्यत्व अनुप्रेक्षा प्रयोग-विधि 1. महाप्राण ध्वनि
2 मिनट 2. कायोत्सर्ग
5 मिनट 3. आनन्द केन्द्र पर ध्यान करें
5 मिनट 4. आनन्द केन्द्र पर ध्यान केन्द्रित कर श्वास भरते हुए
अनुप्रेक्षा करें
मेरी आत्मा इस भौतिक शरीर से भिन्न है- इस शब्दावली का नौ बार उच्चारण करें, फिर इसका नौ बार मानसिक जप करें।
5. अनुचिन्तन करेंस्थूल शरीर भौतिक पदार्थों से निर्मित है। यही आसक्ति का मुख्य कारण है।
जो इस आसक्ति को कम करता है अथवा लगाव को कम करता है, वह दुःख, दर्द को कम महसूस करता है। इसलिए मैं शरीर की आसक्ति को कम करने के लिए भेद-विज्ञान का अभ्यास करूंगा
10 मिनट ___6. महाप्राण ध्वनि के साथ प्रयोग संपन्न करें। 2 मिनट स्वाध्याय और मनन
(अनुप्रेक्षा अभ्यास के बाद स्वाध्याय और मनन आवश्यक है।) भौतिक और आध्यात्मिक व्यक्तित्व की पहचान
आध्यात्मिक व्यक्तित्व में पदार्थ का भोग होगा। आध्यात्मिक व्यक्ति खाएगा, पीएगा, कपड़े भी पहनेगा, मकान में भी रहेगा। यह सब कुछ करेगा, पर जुड़ेगा नहीं। वह यह कभी नहीं कहेगा-मेरा कपड़ा, मेरा मकान । वह कहेगा-इस
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