Book Title: Jivan Vigyana aur Jain Vidya
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 34
________________ 25 हथेलियों द्वारा आंखों पर मालिश करें। हथेलियों का संपुट बनाकर आंखों को हथेलियों से ऐसे ढकेँ, जिससे अन्दर सघन अंधेरा हो जाए आंखों को खुली रखकर अंधेरे में तेजी से टिमटिमाएं। अंगुलियों के छिद्रों से आते हुए प्रकाश को देखें। धीरे-धीरे अंगुलियों को ऐसे खोलते जाएं जिससे पूरा प्रकाश हो जाए । लाभ- आंखों के रोग दूर होते हैं। ज्योति बढ़ती है । मोतियाबिंद नहीं हो सकता है। आंखों की रोशनी बराबर बनी रहती है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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