Book Title: Jinsenacharya krut Harivansh Puran aur Sursagar me Shreekrishna
Author(s): Udayram Vaishnav
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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________________ दो शब्द साहित्य समाज का दर्पण है। डॉ. उदाराम वैष्णव साहित्यकार, समाजसेवी तथा संत प्रकृति के व्यक्ति हैं। अध्यात्म प्रेमी डॉ. उदाराम वैष्णव विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं तथा गौ सेवा, विकलांग तथा आरोग्य सेवाओं से जुड़कर महत्ती मानव सेवा सम्पादित कर रहे हैं। साहित्य तथा समाज सेवा के आयोजनों के संचालन में इनकी भूमिका प्रशंसनीय है। कुमार साहित्य परिषद् द्वारा हिन्दी सेवा के साथ ही वैदिक प्रचार-प्रसार समिति 'सत्यपुर' द्वारा संस्कृत तथा संस्कृति सेवा भी श्लाघनीय हैं। डॉ. वैष्णव ने जिनसेनाचार्य कृत हरिवंशपुराण और सूरसागर में श्री कृष्ण (तुलनात्मक अध्ययन) शोध ग्रन्थ द्वारा साहित्य सागर में एक और मोती युक्त कर दिया है। इस शोध कार्य से न केवल हिन्दी साहित्य की अभिवृद्धि हुई है, अपितु जैन धर्म और हिन्दू धर्म के दार्शनिक एवं ऐतिहासिक तत्त्वों के तुलनात्मक अध्ययन से इनमें निहित सनातन एकता का भी निदर्शन हुआ है। ___ यह ग्रन्थ साहित्य प्रेमियों, अध्यात्म पथ पथिकों के लिए उपादेय सिद्ध होगा साथ ही इस विषय के अनुसन्धित्सु वर्ग के लिए दिशा निदर्शन का कार्य भी करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। डॉ. हुसैन खाँ "शेख" प्रधानाध्यापक (आर.ई.एस.) बेहलिमों का वास, सांचौर