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जैनत्व जागरण.....
मेरा यह प्रयत्न जो जैन धर्म की विजयपताका को फैलाने वाला है यह आ. भ. दुप्पसह सूरिजी हो, तब तक अमर बने । जैन शासन जयवंत बने । जैन शासन की जय हो... विजय हो । जैन शासन में एकता बजे... सब लोग एक हो... विश्व में शासन के नाद गूंजते रहे भव्य जीवो का कल्याण हो... मंगल हो उसी शुभ भावना के साथ... जिनाज्ञा विरुद्ध कुछ भी लिखा गया हो तो बार-बार मिच्छामि दुक्कड़म्
- हेरत प्रमोदभाइ
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